बनारस में आज मोदी का तीन दिन में तीसरा रोड शो, नजरें पूर्वांचल की 40 सीटों पर
वाराणसी.नरेंद्र मोदी का वाराणसी में रोड शो सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी होगा। आज वे करीब 800 मीटर तक का रोड शो करेंगे। यह रोड शो रामनगर चौक से शास्त्री चौक तक होगा। इसके मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। बता दें, यूपी में चुनाव प्रचार का सोमवार को आखिरी दिन है। आज शाम आखिरी फेज की वोटिंग के लिए भी चुनाव प्रचार थम जाएगा। इस फेज में पूर्वांचल की 40 सीटों पर वोटिंग होनी है। यही वजह है कि मोदी और उनके आला मंत्री तीन दिन से बनारस और उसके आसपास के इलाकों में प्रचार कर रहे हैं।
- पीएम मोदी सुबह 10.30 पर डीएलडब्लू गेस्ट हाउस से गढ़वा आश्रम के लिए निकलेंगे। वे करीब 10.45 पर गढ़वा आश्रम पहुंचेंगे।
- मोदी यहां करीब 45 मिनट तक रुकेंगे। इसके बाद मोदी 11.30 पर गढ़वा आश्रम से रामनगर चौक पहुंचेंगे।
- रामनगर चौक से करीब 800 आठ सौ मीटर तक मोदी जनता दर्शन करते हुए शास्त्री चौक पहुंचेंगे।
- यहां वे पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के घर जाकर श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद पीएम हैलिकॉप्टर से रोहनिया में रैली के लिए जाएंगे।
- रोहनिया में रैली के बाद पीएम दिल्ली के लिए निकल जाएंगे।
- रामनगर चौक से करीब 800 आठ सौ मीटर तक मोदी जनता दर्शन करते हुए शास्त्री चौक पहुंचेंगे।
- यहां वे पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के घर जाकर श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद पीएम हैलिकॉप्टर से रोहनिया में रैली के लिए जाएंगे।
- रोहनिया में रैली के बाद पीएम दिल्ली के लिए निकल जाएंगे।
- बता दें कि मोदी ने 4 मार्च को बीएचयू से काशी विश्वनाथ मंदिर तक 12 किमी तक का रोड शो किया था। भगवान विश्वनाथ और कालभैरव के दर्शन किए थे। इसी दिन शाम को रैली भी की थी।
- 5 मार्च को भी मोदी ने बनारस में रोड शो और रैली की थी।
बनारस पर फोकस क्यों?
- सीनियर जर्नलिस्ट श्रीधर अग्निहोत्री ने बताया कि बनारस पर फोकस की एक वजह तो ये है कि वाराणसी मोदी का संसदीय क्षेत्र है, जबकि बीजेपी का प्लान था कि पश्चिम के चुनाव पर दिल्ली से फोकस किया जाएगा।
- मध्य यूपी के चुनाव में बड़े नेताओं ने लखनऊ में डेरा डाल रखा था। इसी तरह, पूर्वांचल की 89 सीटों के लिए बड़े नेताओं ने वाराणसी में डेरा डाला हुआ है। वाराणसी से ही नेता पूर्वांचल के बाकी जिलों पर भी फोकस करेंगे।
- बनारस पर फोकस की एक वजह ये भी है कि वाराणसी में अभी 3 सीटें ही बीजेपी के पास हैं। ऐसे में, वाराणसी में सीटों की संख्या बढ़ाने पर बीजेपी नेताओं का ज्यादा जोर है। साथ ही, पूर्वांचल की 89 सीटें ही बीजेपी का यूपी में भविष्य तय करेंगी।
- सीनियर जर्नलिस्ट श्रीधर अग्निहोत्री ने बताया कि बनारस पर फोकस की एक वजह तो ये है कि वाराणसी मोदी का संसदीय क्षेत्र है, जबकि बीजेपी का प्लान था कि पश्चिम के चुनाव पर दिल्ली से फोकस किया जाएगा।
- मध्य यूपी के चुनाव में बड़े नेताओं ने लखनऊ में डेरा डाल रखा था। इसी तरह, पूर्वांचल की 89 सीटों के लिए बड़े नेताओं ने वाराणसी में डेरा डाला हुआ है। वाराणसी से ही नेता पूर्वांचल के बाकी जिलों पर भी फोकस करेंगे।
- बनारस पर फोकस की एक वजह ये भी है कि वाराणसी में अभी 3 सीटें ही बीजेपी के पास हैं। ऐसे में, वाराणसी में सीटों की संख्या बढ़ाने पर बीजेपी नेताओं का ज्यादा जोर है। साथ ही, पूर्वांचल की 89 सीटें ही बीजेपी का यूपी में भविष्य तय करेंगी।
बनारस में कितनी विधानसभा सीटें?
- वाराणसी में 8 विधानसभा सीटें हैं। इनमें पिंडरा- कांग्रेस, अजगरा (सु)- बसपा, शिवपुर-बसपा, वाराणसी उत्तरी-बीजेपी, वाराणसी दक्षिणी- बीजेपी, वाराणसी कैंट- बीजेपी, सेवापुरी-सपा के पास है।
- वहीं, रोहनिया सीट 2012 में अपना दल के पास थी, लेकिन बाई इलेक्शन में ये सीट सपा के पास चली गई। इस तरह कांग्रेस और बसपा के पास 2-2, बीजेपी के पास 3 और सपा के पास 2 सीटें हैं।
- वाराणसी में 8 विधानसभा सीटें हैं। इनमें पिंडरा- कांग्रेस, अजगरा (सु)- बसपा, शिवपुर-बसपा, वाराणसी उत्तरी-बीजेपी, वाराणसी दक्षिणी- बीजेपी, वाराणसी कैंट- बीजेपी, सेवापुरी-सपा के पास है।
- वहीं, रोहनिया सीट 2012 में अपना दल के पास थी, लेकिन बाई इलेक्शन में ये सीट सपा के पास चली गई। इस तरह कांग्रेस और बसपा के पास 2-2, बीजेपी के पास 3 और सपा के पास 2 सीटें हैं।
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